मुद्दा कोई भी हो आसान है लोगों को उकसाना।
क्योंकि यह है सियासी दलों का कारनामा।।
मुश्किल तो तब होगी, जब हो नियंत्रित करवाना।
जम्मू-कश्मीर में भी कुछ ऐसा ही हुआ।।
और हो गई स्थिति नियंत्रण से बाहर।
केंद्र को नहीं आ रही समझ, कैसे बुझे आग।।
कब तक झुलसते रहेंगे इस आग में लोग।
और तमाशबीन बने रहेंगे ये सफेदपोश।।
Wednesday, August 13, 2008
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6 comments:
कब तक झुलसते रहेंगे इस आग में लोग।
और तमाशबीन बने रहेंगे ये सफेदपोश।।
--बहुत उम्दा!! वाह!
बहुत बढ़िया
जो लिखा है आपने बिलकुल सही है यह कारनामा सचमुच उन सियासी लोगो का होता है जिनकी सफ़ेदी पर दाग तो न जाने कितने लगे होते है मगर सदा ब्लीच किये रहते हैं,और बेवकूफ़ बनते है लोग जो उनके करो-मरो के नारे में खुद को लपेट कर चल पड़ते है,यह भी नही सोचते कि कहने वाला इस नारे बाज़ी में महात्मा गाँधी की तरह तुम्हारे आगे चल रहा है या बुलेट प्रुफ़ गाड़ी में बैठा बस तमाशा देख रहा है,
टिप्पणी के लिए सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद
और हो गई स्थिति नियंत्रण से बाहर।
केंद्र को नहीं आ रही समझ, कैसे बुझे आग।।बहुत अच्छा लिखा है। स्वागत है आपका।
क्या बात है. वाह वाह वाह !!! लिखते रहिये. आभार.
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