Monday, August 18, 2008

ये जो कुर्सी न होती...

ये जो कुर्सी न होती तो कुछ भी न होता

न तो कोई समर्थन देता और न ही वापस लेता

न खरीदे जाते सांसद, न शर्मसार होती संसद

न सीएम बनने के लिए गुरुजी चलाते 'कोड़ा'

और न ही संकट में होते कोड़ा.

6 comments:

रंजन राजन said...

Kurshi jaroori hai paji. Kurshi hi nahi rahegi to aap jaise achhe log kahan baithenge?

Nitish Raj said...

सही कहा है कि
कोड़े पर हर दिन बरस रहे हैं कोड़े,
कुर्सी के कारण गुरुजी ने अटकाए हैं रोड़े।
अच्छा लिखा है।

सचिन मिश्रा said...

टिप्पणी के लिए सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद

राजीव रंजन प्रसाद said...

समसामयिक घटनाओं पर इसी तरह निर्बाध लिखते रहें..रचना की बधाई स्वीकारें।


***राजीव रंजन प्रसाद

Anil Pusadkar said...

achha likha.badhai

बालकिशन said...

अच्छा लिखा आपने.
बधाई