Saturday, January 10, 2009

अकड़ किस बात की प्यारे

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ शायद यह भूल गए हैं कि पड़ोसी मुल्क ने जब-जब यहां के लोगों पर कहर बरपाया, तब-तब उसे मंुहतोड़ जवाब दिया गया। उन्हें खेमकरण और कारगिल की मार भी याद नहीं रही, तभी तो कहते हैं कि 'मुझे नहीं लगता कि पाक पर भारत हमला बोल सकता है। हमारी फौज भी पूरी तरह तैयार है। हम ही क्यों न पहले हमला बोल दें।' मियां मुश शायद देशवासियों के सब्र का इम्तिहान ले रहे हैं। मगर उनको यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस दिन देशवासियों के सब्र का प्याला भर गया उस दिन हिंद पर कुदृष्टि डालने वालों को कौन बचाएगा?

पाक के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी का यह कहना कि 'फलस्तीन में कितनी निर्दोष महिलाएं और बच्चे मारे जा रहे हैं। इनकी तादाद मुंबई हमलों में मारे गए लोगों से कहीं कम नहीं है। फिर भी उनके बारे में दुनिया चुप है।' क्या ठीक है? आखिर वह क्या चाहते हैं कि जो इस तरह की अनाब-शनाब बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं? क्या पड़ोसी मुल्क के हुक्मरान यूं ही अनाब-शनाब बयानबाजी करते रहेंगे?

3 comments:

राज भाटिय़ा said...

यह कुत्ते हर हाल मै भारत से लडना चाहते है, ताकि पकिस्तान की भुखी जनता को इस बहाने से थोडे ओर समय तक लुट सके कि लडाई मै सब कुछ तवाह हो गया इस लिये अब भुखे मरो,
दुसरी बात अब पाकिस्तान के चार टुकडे होने वाले है, इस लडाई से लोगो का ध्यान भी तो हटाना है, वेसे पाकिस्तान को मार खाने कि ओर फ़िर झुक कर सलाम करने की आदत तो है ही

Dev said...

आपको लोहडी और मकर संक्रान्ति की शुभकामनाएँ....

Alpana Verma said...

kya kahiye aise logon ki baton ko ?suna hi na jaye to behtar hai.
-26 janvari Gantantr diwas ki agrim shubhkamnayen.