Wednesday, October 15, 2008

ये ड्रामा क्यों ?

राजनीति का विकास विरोधी जो रूप इन दिनों रायबरेली में देखने को मिल रहा है क्या वह ठीक है? आखिर कांग्रेस और बसपा क्या साबित करना चाहती है। रेल कोच फैक्टरी को लेकर क्यों सियासी ड्रामा चल रहा है?

चूंकि रायबरेली सोनिया गांधी का चुनाव क्षेत्र है, और अपने क्षेत्र के विकास का हर सांसद को अधिकार है। मायावती ने मुख्यमंत्री के रूप में इस फैक्टरी के लिए जमीन आवंटित करके अपने उस दायित्व का निर्वाह किया था, जो एक मुख्यमंत्री का होता है। पूरे प्रदेश के विकास की जिम्मेदारी भी उसी पर होती है।

मगर उन्होंने इसे ठीक उस समय रद कर दिया, जब सोनिया इसके भूमि पूजन के लिए तारीख तय कर चुकी थीं। कहा गया कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि किसानों में अपनी जमीन अधिग्रहण को लेकर रोष था। जमीन इसी साल मई में आवंटित की गई थी।

यह फैक्टरी लगाने की घोषणा भी रेलमंत्री लालू प्रसाद ने अपने इसी साल के रेल बजट में की थी। मायावती का कहना हैं कि जब इस जमीन पर परियोजना स्थापित करने की रिपोर्ट तक तैयार नहीं की गई है और वे सभी प्रारंभिक औपचारिकताएं भी नहीं हुई हैं, जो किसी परियोजना को लगाने के लिए जरूरी होती हैं तो भूमि पूजन क्या केवल लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया जा रहा था।

चूंकि वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री हैं और उन्हें यह सवाल पूछने का हक है, मगर अपने प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए भी उनका कर्तव्य है कि वह किसी ऐसी परियोजना के मार्ग में बाधक न बने जिससे अवाम का भला होता हो।

सोनिया को भी यह देखना होगा कि केवल रायबरेली में ही पूरा उत्तर प्रदेश नहीं समाया हुआ है। प्रदेश में और भी कई जिले हैं। ऐसे में यह फैक्टरी और भी कहीं लगाई जा सकती है।

समाजवादी पार्टी की कांग्रेस से नजदीकी ही बसपा की कटुता का कारण है। मगर इस कटुता के कारण क्या प्रदेश के विकास का बाधक बन जाना ठीक है। दोनों सियासी दलों को ये भी जान लेना चाहिए कि अवाम को ज्यादा दिन तक धोखे में नहीं रखा जा सकता है।

5 comments:

Gyan Darpan said...

ओछी राजनीती है मायावती,ममता,अमरसिंघ आदि से उम्मीद ही क्या की जा सकती है

Dr. Ashok Kumar Mishra said...

sachinji,
vyapak janhit key kaarya agar rajneetik karnon sey rukein to yeh bade kharab sanket hai.

राज भाटिय़ा said...

बेबकुफ़ बना रहै है हमे ,

Aruna Kapoor said...

Rajneta aise hi hote hai!...apane swarth ke liye yeh kisi bhi had tak jaa sakaten hai!...aapake vichaaron se sehmat hun!

L.Goswami said...

कसूर किसी का हो झेलती तो बेचारी जनता है.


.. ..उत्साह वर्धन का बहुत धन्यवाद.