माया की 'माया' अगर अपरंपार न होती तो वह चर्चा में क्यों रहती। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती की। ये मूर्तियों पर तो पानी की तरह करोड़ों रुपये बहा सकती हैं पर, कृपालु महाराज के आश्रम में मची भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए इनके पास पैसे नहीं है। ये हम नहीं,बल्कि खुद मायावती जी कह रही हैं।
उनका कहना है कि राज्य आर्थिक तंगी में गुजर रहा है। इस कारण सरकार पीडि़तों को मुआवजा देने की स्थित में नहीं है। पर सवाल यह उठता है कि जब सरकार के पास आर्थिक तंगी है तो फिर मूर्तियों पर पानी की तरह पैसे क्यों बहाए जा रहे हैं। हालांकि मुआवजे से पीडितों के जख्म तो नहीं भर जाएंगे, पर उन्हें कुछ राहत जरूर मिल जाती। पर क्या करें, माया जी हैं कि मानती ही नहीं।
Sunday, March 7, 2010
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